Friday, June 27, 2008

महिलाएं मुख मैथुन पसंद करती हैं ??????

महिलाएं मुख मैथुन पसंद करती हैं , इसलिए उन्हें दिखाइए कि आप उन्हें कितना ‘प्यार’ करते हैं और अपने मुख मैथुन (oral sex) ज्ञान के द्वारा उसे परिपूर्णता के निकट पहुंचा कर एक बेहतरीन पार्टनर होने का परिचय दें.एक आदमी का मुंह उच्च कामुक और उत्तेजक हो सकता है जब वह सही तरीके से महिला के शरीर के किसी हिस्से पर प्रयुक्त किया जाए. वास्तव में मुख मैथुन का आशय उसके शरीर के किसी हिस्से को चूमने और चूसने से होता है, किन्तु कई लोग अज्ञानतावश मुख मैथुन का आशय महिला गुप्तांग के हिस्से के चुंबन और चूसने से निकालते हैं. जो कि गलत है.लगभग सभी महिलायें मुख मैथुन पसंद करती हैं, जिसमें गुप्तांग शामिल नहीं होता है. वे उसे उतना ही रोमान्टिक अनुभव करती हैं जितना पुरुष उन्हे ‘प्यार’ करता है. लेकिन जब यह मामला उनके गुप्तांगों को चूमने, चाटने और चूसने का हो जाता है तो यह दूसरे आनंद का रूप ले लेता है. हालांकि ज्यादातर भारतीय इसे अच्छा नहीं मानते लेकिन अब युवाओं में यह संस्कृति धीरे-धीरे स्वीकार्य होती जा रही है. कुछ महिलाएं पुरुषों द्वारा किये गए इस कृत्य को बहुत ही अंतरंग आत्मीय नजरिये से लेती हैं. इसलिए पूर्ण ‘प्यार’ के दौरान इसका काफी महत्व माना जाता है. वहीं कुछ की सोच होती है कि उनके गुप्तांग गंदगी से भरे होते हैं इसलिए चाटने और चूसने को घृणित मानती हैं और इस कृत्य के बारे में वे कल्पना नहीं करती हैं. ज्यादा हुआ तो वे चूमने की सहमति देती हैं.अंततः इनमें से कुछ महिलाएं अपनी इस सोच को बदलने के लिए राजी हो जाती हैं, जब एक बार वे भगशिश्न या किसी अन्य द्वारा उत्तेजना को प्राप्त होती हैं. इसके लिये आदमी को जेन्टल लेकिन सामान्य तरीके से पहले उसके भग क्षेत्र को चूमना चाहिए फिर उसके भग शिश्न को . यहां महज रिझाने पर ही ध्यान न देकर कुछ सावधानी भी बरतना चाहिए उनमें आपकी दाढ़ी करीने से सेट हो या फिर दाढ़ी बनी हो- फिर अपनी जीभ को उतनी ही अनुमति दे जितना आपका पार्टनर उत्तेजना के लिये सहमति दे रहा हो. इस तरीके से धीरे-धीरे आप उसकी ना को तीव्र उत्तेजना रूपी हां में बदल कर आनंद पाने के लिए राजी कर लेंगे जो उसे प्रबल आवेग देगा.आदमी को यह जानने के लिये परीक्षण करते रहना चाहिए कि उसके पार्टनर को क्या सबसे ज्यादा पसंद है और उसे किसमें ज्यादा आनंद आता है. इसके लिए भगशिश्न के किनारों का प्रयोग करें, क्लिटोरी को क्लिटोरी हुड की सहायता से उत्तेजित करें. जब भगशिश्न के किसी किनारे को चाट रहें हों तो जीभ को ढीली रखें न कि कड़ी. कई महिलाओं के लिये यह क्रिया प्रचंड आवेग वाली होती है. यदि संदेह हो तो अपने पार्टनर से पूछे कि उसे क्या पसंद है और उसे प्रेरित करें कि वह आपको बताए कि उसे क्या और कैसे पसंद हैं.गुप्तांग विहीन मुख मैथुनगुप्तांग के साथ मुखमैथुन के लिये कभी जल्दबाजी न करें. अपने पार्टनर के साथ एक दूसरे की ओर चेहरे करके लेट जाएं. उसके पूरे चेहरे को चूमे, उसके कान के निचले कोमल हिस्से को चूसना न भूलें, यदि वह पसंद करें तो उसके ओंठों को चूमे और उनका रस लेने से परहेज न करें चाहें तो इस दौरान अपनी जीभ उसके मुंह के अन्दर डाल कर घुमाएं साथ ही होंठों को चूसें. इस दौरान अपने हाथों से उसके शरीर के अन्य अंगों को सहलाते रहें.अब क्रमशः उसके शरीर के नीचे की ओर जाएं, अब आपका सिर उसके स्तनों के बराबरी पर आ चुका होगा. यहां आप उसके स्तनों को चूम सकते हैं. साथ ही उसके निप्पलों को चूस सकते हैं. उसके स्तन के ज्यादा से ज्यादा हिस्से को अपने मुंह में भरें, जीभ के सहारे उसके निप्पलों को सहलाएं. अपनी जीभ को उसके निप्पल के चारों ओर घुमाएं साथ ही निप्पल के चारों ओर गोल गहरे रंग के घेरे को जीभ से दबाते हुए घुमाएं, ध्यान रहे इस दौरान काटें नहीं क्योंकि अभी वह चरम उत्तेजना के निकट नहीं है इसलिए वह दर्द सहने के लिए तैयार नहीं है.नीचे की ओर यात्राअब अपने चेहरे को उसके पेट की ओर नीचे ले जाएं. उसकी नाभि को चूमे और चाटें इसके साथ ही अपनी जीभ उसके पूरे पेट पर घुमाएं. धीरे-धीरे उसके भग क्षेत्र की ओर जाते जाएं, लेकिन इस स्टेज पर आकर उसे छुएं नहीं न तो हाथों से न ही मुंह से .अपने पार्टनर के पैरों के बीच लेट जाएं, यदि बेड के अंतिम छोर पर हैं तो घुटने के बल बैठें. अब आप उसके पैरो की उंगलियों और पैरों को चूम और चूस सकतें हैं. कुछ महिलाएं इसे काफी पसंद करती है. क्योंकि यहां के कई बिन्दुओं पर उन्हें काफी उत्तेजना का अनुभव होता है. इस दौरान उसके शरीर के अन्य अंगों को नहीं छुआ जाता. इस समय कई महिलाएं स्वयं अपने स्तनों/भगशिश्न को सहलाना पसंद करती हैं जब उसका पार्टनर उनके पैरों को चूम रहा होता है.मुख मैथुन की स्थितियां (positions)जब आपका पार्टनर बगैर गुप्तांग के मुख मैथुन की उत्तेजना को प्राप्त हो जाता है, तब वह गुप्तांग के मुख मैथुन के लिये उत्सुक व उद्दीप्त होने लगती है. यही आपके लिये सही समय होता है प्रयास करने का, लेकिन वहां सौम्य तरीके से जाएं.इसके लिये बेहतर पोजीशन हे कि वही सीधे पीठ के बल लेटी हो और उसके पैर फैले व खुले हों, पुरुष उसके पैरों के बीच लेटा हो ताकि वह उसके गुप्तांग के किसी भी हिस्से को आसानी से चूम, चाट और चूस सके. यहां एक परेशानी गर्दन दर्द की हो सकती है. इसके लिए उसके नितंब (hip) के नीचे तकिया रख दें. इससे उसकी योनि ऊपर उठ जाएगी और एक बेहतर पोजीशन में आ जाएगी. यह पोजीशन भगशिश्न को चूमने और चाटने के लिये बेहतर होती है, लेकिन उसकी योनि में जीभ के प्रवेश कराने के लिए उतनी बेहतर नहीं है.इस पोजीशन के दौरान यहां एक परिवर्तन किया जा सकता है. महिला उसी तरीके से लेटी रहे, लेकिन पुरुष घूम जाए और उसका चेहरा पैरों की ओर हो जाए, अर्थात पुरुष महिला के उपर उसकी उल्टी दिशा में लेट जाए. इस अवस्था में पुरुष के गुप्तांग महिला के चेहरे के उपर होंगे और वह आसानी से उसके लिंग को चूम और चूस सकती है. इससे दोनों मुख मैथुन का आनंद ले सकते हैं. यदि महिला नहीं चाहती तो पुरुष थोड़ा सा अपने शरीर को घुमा सकता है. जिससे उसके गुप्तांग महिला के चेहरे से दूर हो जाएंगे. लेकिन पुरुष महिला के गुप्तांगों से आसानी से खिलवाड़ कर सकता है. अपने शरीर को कोहनी का सहारा देकर पुरुष अपने पार्टनर के भग और भग शिश्न को आसानी से चूम सकता है. लेकिन यहां यह सावधानी बरतनी पड़ेगी कि महिला के शरीर पर ज्यादा भार न पड़े. इसलिये यहां आदमी को अपने घुटने और कोहनी पर ज्यादा निर्भर रहना पड़ सकता है. इस पोजीशन में आदमी अपने पार्टनर की जांघों तक पहुंच सकता है. इस दौरान वह जांघों को फैला कर बाह्य भगोष्ठ को खोल सकता है. इससे उसे मुख मैथुन के लिए बेहतर अवसर मिल सकता है. यहां जानकार आदमी उसकी योनि में अपनी उंगली डाल देते हैं जब वे भगशिश्न को चूम आदि रहे होते है.एक पोजीशन के रूप मे इसे भी आजमाया जा सकता है जब महिला अपने नितंब (hip) के बल बेड के एक किनारे लेटी हो, उसके पांव फर्श पर फैले हों. इस वक्त पुरुष उसकी जाघों के बीच अपने घुटनों के बल बैठ कर उसके गुप्तांगों का चुंबन आदि ले सकता है. इस दौरान जब महिला उत्तेजित हो जाए तो वह अपनी जांघों को खींच कर टांगे फैलाकर अपने तलवे पार्टनर के कंधे, पीठ पर रख सकती है. इस दौरान उसका भग क्षेत्र और खुल जाता है. यह पोजीशन उन महिलाओं के लिये सबसे बेहतर होती है जो यह चाहती हैं कि उनका पार्टनर उसकी योनि के अन्दर अपनी जीभ को प्रवेश कराए. यह पोजीशन महिला को टेबल पर लिटा कर भी की जा सकती है. इस पोजीशन में पुरुष ज्यादा आराम दायक स्थिति में रहता है क्योंकि इस दौरान उसे बहुत कम झुकना पड़ता है.आप मुख मैथुन के लिये महिला को उपर करके भी प्रयोग कर सकते हैं. इसके लिये पुरुष अपनी पीठ के बल सीधे लेट जाए और महिला घुटनों के बल उसके सीने के ऊपर आ जाए और अपने गुप्तांगों को पुरुष के चेहरे के पास ले जाकर अवसर दे. इसमें महिलाओं को फायदा यह होता है कि वह मुख मैथुन की प्रक्रिया को अपने नियंत्रण में रख सकती है साथ ही इस दौरान वह उसके लिंग के साथ भी खेल सकती है. इसी प्रक्रिया को आगे और बढ़ाया जा सकता है. इसमें महिला टांगे फैलाकर खड़ी हो जाए और पुरुष घुटनों के बल बैठकर उसके भग क्षेत्र पर अपने होंठों से दबाव डाल सकता है.कल्पनाशील युगल के लिये एक और बेहतर पोजीशन है. इसमें पुरुष अपनी पीठ के बल सीधे लेट जाए और पैर मोड़कर घुटने ऊपर उठा ले . अब महिला घुटनों के बल पुरुष के चेहरे के ऊपर आ जाए. इस दौरान पैर काफी फैले हुए हों. उसका भग क्षेत्र पुरुष के मुंह के ठीक उपर हो. इस दौरान महिला की पीठ पुरुष के चेहरे की ओर हो. अब महिला घुटनों के बल सीधे लेट जाए. ऐसे में महिला का सिर पुरुष के घुटनों पर टिक जाएगा. इस अवस्था में महिला का भगक्षेत्र पूरी तरह से चौड़ाई में खुल जाता है. अब पुरुष चाहे तो वह अपनी जीभ महिला की योनि में प्रवेश करा सकता है साथ ही उसके भग क्षेत्र और भगशिश्न को भई मुंह की सहायता से सहला सकता है.

एक से ही चिपक कर क्यों बैठना, पूर्ण परिपूर्णता के साथ आवेग के परम सुख की लहर के बाद की लहरों में कब सवारी कर सकते हो?
यह सवाल हर उस शख्स के लिये है जो एक बार चरमोत्कर्ष को प्राप्त कर चुके हैं तथा दूसरे के लिए शायद इच्छा नहीं जताते. कई महिलाएं गुणात्मक चरमोत्कर्ष के लिये सक्षम होती हैं, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती है. इसलिये अपने पार्टनर से सावधानी और कोमलता के साथ और प्रयोग की सानुकूलता व सम्मति से , वे जिस ऊंचाई को पाना चाहते हैं खोज सकते हैं, जिसकी सफलता के बारे में कभी सोचा भी न हो. महिलाओं की उत्तेजना और चरमोत्कर्ष के चार चरण होते हैं.
इनमें से पहला - उत्तेजना का चरण है. इसमें उसके निप्पल तन जाते हैं, उसका दिल जोर-जोर से धड़कने लगता है और स्तन फैल व फूल जाते हैं. ठीक इसी समय योनि में फैलाव व चिकनापन आ जाता है और उसका भगशिश्न बड़ा हो जाता है. इसके बाद चौरस भूमि या समस्थल - इस चरण में भगशिश्न वापस हो जाती है. योनि का उपरी अंतिम हिस्सा फूल जाता है और वह तीसरे चरण आवेग की ओर बढ़ने लगती है. यहां उसकी सांसे काफी तेज चलने लगती हैं. आनंद की पीड़ा से उसका बदन ऐंठने लगता है या शरीर झटका देने लगता है और वह सिसकारी लेने लगती है कई बार तो उसकी आवाजे चिल्लाने की सीमा तक हो जाती हैं. उसकी योनि की नसें लयबध्द तरीके से सिकुड़ने लगती हैं. उसके आवेग के उत्कर्ष के समय कई लयबध्द सिकुड़न के बाद उसका शरीर पूर्णता की ओर जाता है. यह विश्लेषण या दृढ़ता का चरण होता है- चीजें धीमी और स्थिर होने लगती हैं. लगभग दस मिनट से आधे घंटे बाद यदि उत्तेजित न किया जाय तो उसका शरीर सेक्सुअली गैर उत्तेजित अवस्था में लौट आता है. इसी अंतिम चरण के दौरान कई महिलाएं दूसरे आवेग को भी पा सकती हैं. इस दूसरे आवेग को ही गुणात्मक चरमोत्कर्ष कहते हैं.
सन् 1940 में अमेरिकन सेक्स विशेषज्ञ किन्सी ने पाया कि हर 7 मे से 1 महिला गुणात्मक आवेग का अनुभव करती है. एक दूसरे शोधार्थीटर्मन ने पाया कि यह आंकड़े सत्यता के काफी निकट हैं. इसी तरह सन् 1960 में मास्टर और जानसन ने पाया कि यदि पर्याप्त उत्तेजित किया जाय तो ज्यादातर महिलाएं एक से ज्यादा चरमोत्कर्ष में सक्षम होती हैं. कई केसों में उन्होने यहां तक पाया कि कुछ महिलाएं दूसरे, तीसरे चौथे, पांचवे और छठवें चरमोत्कर्ष तक में सफल रहीं वह भी पूर्ण संतुष्टि के पूर्व.
एक ताजे सर्वेक्षण के मुताबिक हर उम्र की 106,000 अमेरिकन महिलाओं पर परीक्षण किया गया जिसमें 67% महिलाओं में ज्यादातर समय गुणात्मक चरमोत्कर्ष पसंद किया गया. इनमें से 35 साल की उम्र के ऊपर वालों में हर सातवीं महिला ने हर बार इसे पसंद किया. जिन्होने गुणात्मक चरमोत्कर्ष को पसंद किया उनमें से 66% महिलाओं ने चार से दस बार और 6% ने ग्यारह बार गुणात्मक चरमोत्कर्ष को प्राप्त किया.
हस्तमैथुन
हस्तमैथुन द्वारा स्पष्टतः कई महिलाएं सामान्यतौर पर आवश्यकतानुसार गुणात्मक चरमोत्कर्ष (multiple orgasms) को प्राप्त करती हैं. लेकिन इनमें से ज्यादातर सहवास के दौरान इसे नहीं पा पाती हैं. क्योंकि ज्यादातर पुरुषों को यह जानकारी हीं नहीं होती है कि उसका पार्टनर मल्टीपल चरमोत्कर्ष वाला है, जबकि वह होती है. ज्यादातर महिलाएं मल्टिपल आवेग की पूर्ति हस्तमैथुन से करती हैं (यह मेरा अपना नजरिया है). सामान्य तौर पर वे सहवास के दौरान की उत्तेजना को कंट्रोल कर लेती हैं और उत्तेजना की अवस्था वही रखती हैं जितनी संभोग के दौरान आवश्यक होती है.
अपने पार्टनर को बताएं कि चरमोत्कर्ष पाने के लिये आपकी उत्तेजना बढाने के लिये वह किस तरह से उंगलियों का प्रयोग कर सकता है.
एक सर्वे के अनुसार पास्टर और जानसन ने पाया कि ज्यादातर महिलाएं ज्यादा संख्या में परमानेद तभी पाती हैं जब वे लिंग के आलावा अन्य साधन प्रयुक्त करती हैं. वहीं कुछ महिलाएं - अनुमानित लगभग तीन में से एक-एक ही बार में पुरुष संसर्ग से पूर्णतः संतुष्ट हो जाती हैं. कुछ महिलाओं का कहना है कि चरमोत्कर्ष के पश्चात की उत्तेजना कष्टकारक और आनंद न देने वाली होती है, और यह उनके लिये बाद में होने वाले किसी आनंद को खत्म कर देती है.परन्तु भगशिश्न द्वारा प्राप्त उत्तेजना से प्रथम बार मिलने वाल चरमोत्कर्ष सबसे बेहतर होता है. लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि इसे अगले सहायक अनुक्रम के चरमोत्कर्ष में भी प्रयुक्त किया जाय. क्योंकि उत्तेजना के दृढ़ चरण में भगशिश्न स्थिर तरीके से उत्तेजित होती है, इस दौरान यह अपने सुरक्षात्मक आवरण से बाहर निकल आती है. यह अवस्था अति संवेदनशील होती है और इसे सीधे उत्तेजित करना कष्टकारक भी हो सकता है. इसलिये इस दौरान भगशिश्न को उत्तेजित करने के लिए कुटिल (indirectly) रूप मे किसी अन्य तरीके का प्रयोग करना चाहिए. इसके लिये उसके पूरे भग क्षेत्र को सहलाना चाहिये, जबकि भगशिश्न से बचा जाना चाहिये. साथ ही महिला के शरीर के अन्य हिस्सों को उत्तेजित करने का प्रयास करें.
क्या गुणात्मक चरमोत्कर्ष आवश्यक है?
शायद, लेकिन जब मानव सेक्सुअलिटी की बात आती है तो ‘जितना ज्यादा उतना अच्छा ’ का सिध्दांत यहां पूर्ण सत्य नहीं होता है. यहां पूर्णतः महिलाओं के ऊपर निर्भर करता है कि उसे क्या पसंद है और क्या नहीं, और यह पसंद भी अलग-अलग महिलाओं की अलग-अलग होती है. जैसे कई महिलाओं का मानना है कि उनकी दूसरी और तीसरी उत्तेजना (orgasm) पहली की अपेक्षा काफी उंचे दर्जे की होती है. तो कुछ का मानना है कि पहली उत्तेजना ही सबसे बेहतर होती है. इसलिये गुणात्मक चरमोत्कर्ष निहायत तौर पर महिलाओं की निजी पसंद का मामला होता है. महिलाएं ऐसे पुरुषों को नापसंद करती हैं जो उनके चरमोत्कर्ष के समय पूर्ण समर्पण के बाद शारीरिक रूप से खाली हो जाता है.
चित्तवृत्ति और अवस्था के अनुरूप
निश्चित तौर पर , सभी महिलाएं प्रत्येक सेक्स क्रिया या हस्तमैथुन के दौरान जरूरी नहीं है कि चरमोत्कर्ष को दोहराएं. ज्यादातर महिलाओं के अनुसार गुणात्मक चरमोत्कर्ष की इच्छा पीरियड के दौरान या फिर ठीक पीरियड के पहले या बाद में या फिर गर्भावस्था के बीच के तीन महीने या फिर कम ऊंचे दर्जे के उत्कर्ष के दौरान होती है. जबकि कुछ महिलाओं के लिये हर सेक्स क्रिया या हस्तमैथुन के बाद गुणात्मक चरमोत्कर्ष की इच्छा होती है. इसलिये यह कहा जा सकता है कि गुणात्मक चरमोत्कर्ष कुल मिला कर मूड के ऊपर भी निर्भर करता है.
डॉगी सेक्स पोजीशन गुणात्मक चरमोत्कर्ष प्राप्त करने की एक बेहतरीन पोजीशन है. क्योंकि इस पोजीशन में पुरुष किसी महिला के जी - स्पॉट को उत्तेजित करने में आसानी से सक्षम होता है.
यदि कोई महिला यह महसूस करती है कि वह गुणात्मक चरमोत्कर्षको पसंद करती है और अभी उसे एक ही उत्तेजना की अनुभूति हो पा रही है तो ऐसी कई चीजें हैं जिनसे वह ऐसा कर सकती है.इसके लिये या तो वह अपने पार्टनर को बताए या फिर अपने हस्तमैथुन के दौरान कुछ प्रयोग कर सकती है. ऐसा करने पर अगली बार आप कुछ ज्यादा सेक्सी अनुभव करेंगी. इसके लिये आप हस्तमैथुन के दौरान वे सभी कृत्य करें जिससे आप को आनंद की अनुभूति हो, तथा उसे ध्यान रखते जाएं. अपनी उंगलियों के माध्यम से कुछ ऐसा जरूर कर जाएं जो आपको सबसे अधिक आनंद की अनुभूति दे. और आप जब अत्यधिक सेक्सी अनुभव करने लगे तो फिर अपने पार्टनर को प्रेरित करें कि वह अपनी जिह्वा या उंगलियों के सहारे आपके भगशिश्न को उत्तेजना प्रदान करे. इस क्रिया से आपको अपने पहले चरमोत्कर्ष के दौरान काफी आनंद का अनुभव होगा. इसके पश्चात आप उसे गाइड करें कि आपको हस्तमैथुन के दौरान और क्या अच्छा लगा, और इसके लिये आप उससे क्या अपेक्षा रखती हैं. इसमें जरूरी नहीं कि पार्टनर स्वयं उत्तेजना को प्राप्त कर आपको आनंद दे लेकिन आपके द्वारा बताई गई क्रियाएं उसे उत्तेजित करने के साथ आपको भी चरमोत्कर्ष की ओर ले जाएंगी. इस दौरान जब आप महसूस करें कि अब आप चरमोत्कर्ष के काफी निकट हैं तब आप अपने पार्टनर को प्रवेश के लिये कहें.

इसमें न तो लज्जा महसूस करें और न ही डरें. हस्तमैथुन या यौन अंगों को स्वयं उत्तेजित करना लड़कों तथा लड़कियों द्वारा की जाने वाली सामान्य क्रिया होती है. विज्ञान द्वारा यह सिद्ध किया जा चुका है कि इससे कोई हानि नहीं होती है. यहां महिलाओं द्वारा यौन अंगों को स्वयं उत्तेजित करने के तरीके बताए जा रहे हैं जो उन्हें बेहद संवेदनशील अनुभव देने के साथ प्रबल उत्तेजना प्रदान करेंगे , चाहे वह अकेले हो या फिर अपने पार्टनर के साथ.
महिलाएं यदि यौन अंगों को कभी स्वयं उत्तेजित नहीं की हैं तो इस बात की भी संभावना रहती है कि सेक्स क्रिया के दौरान उन्हें पर्याप्त उत्तेजना से वंचित रहना पड़े. औसत तौर पर पुरुष 12-13 वर्ष की उम्र के दौरान हस्त मैथुन शुरू कर देते हैं. इसके विपरीत महिलाएं तरुणाई (13 से 19 वर्ष ) के अंतिम दौर में हस्त मैथुन शुरू करती हैं, लेकिन यह मामला इतना ढंका और छिपा होता है कि किसी से भी चर्चा में भी सामने नहीं आने दिया जाता है. पूर्ण तरुण होने पर हस्तमैथुन का मामला खुले रहस्य की ओर झुकाव लेने लगता है. ज्यादातर लोग इस मामले पर पर्दा ही पड़े रहना देना चाहते हैं. लेकिन अब कुछ ऐसे युवा तैयार हो रहे हैं जो इन वर्जनाओं को तोड़ कर हस्तमैथुन के तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं और खुलेतौर पर हिस्सा ले रहे हैं. इसलिये आप यदि अपने लिये इस धीमें और आनंददायी सेक्स को लेकर पक्के (sure) नहीं है तो यहां हम आपको बता रहे हैं कि यह कैसे होता है.
शुरुआती दौर वालों के लिए
यदि आप हस्तमैथुन के लिये नई हैं तो अपना समय और स्थान सावधानी पूर्वक चयन करें और एक दृश्य निर्मित करें. इसके लिये बेहतर आइडिया है कि यह तब किया जाय जब आपके घर के सभी लोग बाहर हों . इससे आपमें एक आत्मबोध तो होगा ही साथ ही आपको किसी तरह का डर भी नहीं होगा. इसकी शुरुआत के लिये अपना फोन बंद कर दें, साथ ही यह सुनिश्चित कर लें की आपको किसी तरह की जल्दबाजी नहीं हो. यदि आप दबाव में हैं तो इस दौरान नहाना लाभदायक होगा. धीमा और शांत संगीत बजाएं और अपनी उधेड़बुन से दूर हों. अब आप सेक्सी सोचने और अनुभव करने में सक्षम हैं वह भी बिना रुकावट या बिना दोषी होने की अनुभूति के साथ और यह अनुभूति प्रतिदिन की हस्तमैथुन बिना सोच से बेहतर होगी. ज्यादातर महिलाएं इस वक्त हाथ में लिये जा सकने वाले आइने से अपने गुप्तांगों और जननागों को देखना पसंद करती हैं. यह महत्वपूर्ण भी है कि आप अपने शरीर के बारे में अच्छा और बेहतर ज्ञान रखें, अन्यथा सुना सुनाया फूहड़पन आपको दिमागी अंधेरे की ओर ले जाएगा.
इसलिये अब आइना देखना शुरू कीजिए . अब जब संतुष्ट हो जाएं और उत्तेजना का एहसास होने लगे तो शीशे को एक किनारे रख दो और अपने शरीर को छूना शुरू करें. स्तनों, पेट और जांघों को थपथपाते हुए सहलाएं और हर उस जगह अपना हाथ फेरे जहां आपको आनंद की अनुभूति मिलती है. आनंद की प्राप्ति में बाधक बन रही हर सोच व डर को बाहर निकाल दें. आप चाहें तो सहलाने के दौरान मसाज आयल का प्रयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही कोई अच्छे स्निग्ध द्रव का प्रयोग करें जब आप अपने भगशिश्न को उत्तेजित कर रहीं हों.
अपनी कल्पनाशीलता का प्रयोग करें. यह हस्तमैथुन के तरीकों की वह चाभी है जिसकी ओर लोग अक्सर ध्यान नहीं देते हैं. जबकि हमारे सेक्सुअल आनंद का ज्यादातर जिम्मेदार हमारा दिमाग ही होता है. किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोचे जिसके साथ सेक्स करने की इच्छा रखती हों या अपने पार्टनर को कल्पनाओं में लाएं. अब उस तरीके के बारे में सोचे कि किस तरह से उसके साथ सेक्स करने की इच्छा है साथ ही उस जगह की कल्पना करें जहां सेक्स करना आपको सबसे आनंददायी लगता है. इस तरह आप अन्य कामुक दृश्यों की कल्पना कर उत्तेजना को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं. जैसे-जैसे आपकी कल्पनाशीलता बढ़ती जाएगी आप तीव्र उत्तेजना का अनुभव करने लगेंगी.
अब जब सनसनी सी महसूस होने लगे तो बड़े ही सौम्य तरीके से जननेन्द्रियों को छुएं. बाह्य भगोष्ठ को थपथपाते हुए सहलाएं, दबाएं और रगड़े वह भी तब तक की जब तक की आप को यह न पता चल जाए कि किस तरीके से ज्यादा आनंद की प्राप्ति होती है. अब अपनी उंगलियों को थूक से गीला करें या फिर कोई स्निग्ध द्रव (lubricant) लगाएं. अब सहलाने की क्रिया भगशिश्न पर फोकस करें.
अपनी उंगलियां भगशिश्न पर फिराएं, सहलाने के दौरान दबाव और दिशा बदलने का प्रयास करें. कभी किनारे-किनारे तो कभी वृत्ताकार घुमाएं और देखें कि किसमें ज्यादा मजा आता है. अब जब आप तीव्र उत्तेजित हो जाते हैं तो आप देखेंगे कि भगशिश्न की टोपी (clitoral hood) पीछे खिंच गई है. अब आप खुले भगशिश्न के सिरे को सहलाकर ज्यादा आनंद की प्राप्ति कर सकतीं है. कई महिलाएं इस प्वाइंट को लेकर काफी संवेदनशील होती हैं.
यहां हम आपको यह बता देना चाहते हैं कि उत्तेजना के लिये कोई भी तरीका चुना जाए लेकिन जरूरी यह है कि उसे सतत् और दृढ़ लय के साथ बनाए रखे . कई बार जब कोई दूसरा महिला में उत्तेजना नहीं पा रहा होता है तब भी ज्यादातर महिलाएं अपने यौन अंगों को स्वयं उत्तेजित कर सकती हैं. क्योंकि भगशिश्न की उत्तेजना के अनुभव से योनि में कुछ तरंगे सी हलचल करने लगती हैं. जिससे तीव्र उत्तेजना की प्राप्ति होती है. वहीं इसके विपरीत भगशिश्न चरमोत्कर्ष के पश्चात छूने पर असहज सा महसूस कराती है.
जब आप हस्तमैथुन को लेकर सहज हो जाएं तो प्रयास करें की शीशे के सामने हस्तमैथुन करें. ऐसे में आप देख सकते हैं कि उत्तेजना के दौरान आपके अंग कैसी प्रतिक्रिया देते हैं. इससे जहां आनंद की अनुभुति में बढ़ोत्तरी होगी वहीं आप अपने सेक्सी लुक का लुत्फ भी उठा सकेंगी.
महिला हस्तमैथुन के प्रसिद्ध तरीके
ज्यादातर महिलाएं , ज्यादातर समय हस्तमैथुन के लिये बेड या सोफे में टांगे फैला कर लेटना या पीठ के बल टिकना पसंद करती हैं. उनका फोकस मुख्यतः भगशिश्न पर होता है. पर कइयों को प्रवेश में मजा आता है. विशेषकर जब वे ज्यादा उत्तेजित हो जाती हैं. इन पोजीशनों में वे भगशिश्न को ज्यादा अच्छी तरीके से पा सकती हैं और छूने के विभिन्न तरीकों पर प्रयोग कर सकते हैं.
ज्यादातर महिलाएं लय बनाए रखना पसंद करती हैं. वहीं कुछ रुकना फिर शुरू करना पसंद करती हैं. यहां एक बात यह भी बता देना जरूरी है कि तीव्र उत्तेजना के लिये जैसे ही आवेग को पाते जाते हैं , आप अपने पैरों की एड़ियों पर दबाव डाल कर जांघों के बीच के हिस्से को उठाकर तनाव का प्रयास करें इससे उत्तेजना की तीव्रता में काफी इजाफा होगा.इसके अलावा एक और तरीका है जो ज्यादा उपयोग किया जाता है वह कि पलंग या सोफे के हत्थे पर तकिया लगा कर उसके ऊपर बैठ जाएं. फिर टांगे फैलाकर थोड़ी दृढ़ता से बैठे. अब भगशिश्न को अपने हाथों से उत्तेजित करें.
अंत में यह महत्वपूर्ण नहीं है कि किस तरीके से आप स्वयं को ज्यादा उत्तेजित करते हैं, जरूरत है कि आप अपने पार्टनर से यह बातें बांटे कि किस तरीके में आप बेहतर महसूस करती हैं. साथ ही उसे करके दिखाएं कि सेक्स प्ले के दौरान वह किस तरह से आपको उत्तेजित कर सकता है. इससे आपको पूर्ण संतुष्टि मिलने के साथ-साथ उसे भी उत्तेजना का पूरा अवसर मिलेगा.

अपने पार्टनर को पूर्ण संतुष्ट करें. इसके लिए जरूरी है संवेदनशीलता और प्यार भरे स्पर्श के साथ छोटी सी कल्पनाशील भावना का होना. यहां हम बताएंगे कि यह कैसे हो...
एक महिला का शरीर पुरुष की अपेक्षा काफी संवेदनशील और उत्तेजक होता है. यही सत्य उनके गुप्तांग क्षेत्र (genital area) का भी होता है, जहां एक महिला कई तरीके से आनंद की प्राप्ति कर सकती है. सच्चे प्यार करने वाले युगल के लिये अपने पार्टनर को तृप्त (please) करने के पुरुष के लिये कई तरीके हैं. जिसमें वह अपने हाथ, मुंह, लिंग और कई अन्य चीजें सहायक हो सकती है, लेकिन जब मूड सही हो.
किसी भी सेक्स खेल का शुरुआती आनंददायी बिन्दु दोनों का एक साथ शॉवर बाथ लेना है. यदि वह व्यवस्था नहीं है तो भी एक साथ नहा सकते हैं. इससे आदमी को अपने पार्टनर के पूरे शरीर पर साबुन के बहाने हाथ फेरने का मौका मिलजाता है. इस दौरान आप उसके पूरे शरीर को दुलारते हुए आलिंगन करें और अंत में उसके गुप्तांगों पर हाथ फेरते हुए सफाई करें. जब आप उसके भग (vulva) क्षेत्र में साबुन लगा रहे हों तो इस बात की सावधानी बरते कि साबुन लगे हाथ उसकी योनि में न जाने पाए. योनि को किसी बाह्य सफाई की आवश्यकता नहीं होती है. वह अपना ध्यान खुद रखती है. इसके साथ ही मूत्र मार्ग को भी साबुन से बचाएं नहीं तो यह पीड़ादायी हो सकता है. मूत्रमार्ग की सफाई सादे ठण्डे पानी मात्र से करना चाहिए, वह भी बाहर की ओर.
जब आप दोनों फव्वारे में होते है तो किसी महिला के लिये आनंददायी अनुभव तब होता है जब उसके भग में सीधे फुहारें छोड़ी जाती हैं. कई महिलाएं इसमें काफी उत्तेजना पाती हैं. इस दौरान वे उत्तेजनापूर्ण आवेग में आ जाती हैं. यहां यह ध्यान रखें कि इस दौरान फुहारें भग के काफी नजदीक न ले जाएं नहीं तो वे योनि या मूत्रनली में प्रवेश कर सकती हैं.
आंशिक प्रवेश एक बेहतरीन शुरुआत हो सकती है. लिंग को योनि में अधूरा और कई भागों में प्रवेश कराएं और किनारे-किनारे ही चलें.
हाथों का प्रयोग करें
महिलाओं के लिये हाथ द्वारा उत्तेजना का सबसे प्रचलित और आनंददायी तरीका उसके भग (vulva) को दुलारना और सहलाना है.शुरुआत उसकी जांघों के ऊपरी हिस्से से करें और उसके पूरे भग क्षेत्र में काम करें. योनि के निचले हिस्से को आराम से सहलाएं फिर उसकी जांघों और उसके पेरिनियम (गुदा द्वार और गुप्तांग के बीच का क्षेत्र ) को सहलाएं . फिर धीरे-धीरे उसके भगशिश्न (clitories) और योनि की ओर जाते जाएं. अपनी उंगलियों को उसके बाह्य भगोष्ठ (upper lips) पर ऊपर से नीचे फिराते हुए सहलाएं. इस दौरान उसे आराम से अंगुलियों और अंगूठे से दबाएं. इसके साथ ही यह सहलाने की प्रक्रिया धीरे-धीरे अंदर की ओर करते जाएं , इस दौरान यह ध्यान रखें की आपकी कौन सी हरकत उसे ज्यादा आनंद दे रही है, उस क्षेत्र के पास ज्यादा ध्यान दें .
देखें और सीखें
प्रत्येक महिला का उसके भग शिश्न की उत्तेजना का अपना तरीका होता है. यह तभी सीखा जा सकता है जब पुरुष उसे स्वयं के द्वारा हस्त क्रिया द्वारा उत्तेजित होते हुए देखे या फिर स्वयं महिला द्वारा उसे बताया जाय कि किस तरीके से उसे उत्तेजना तीव्रता और आनंददायी तरीके से आती है. फिर पुरुष उसके बताए तरीके का प्रयोग करे. यदि उसे स्वयं उत्तेजित होते हुए देखते हैं तो निम्न बातों को नोट करते जाएं-
■ उसके द्वारा प्रयुक्त किये गए स्ट्रोक (सहलाने ) की वास्तविक लंबाई.■ भगशिश्न का कौन सा हिस्सा उसका पसंदीदा है. ( कई महिलाओं में यह हिस्साउत्तेजना के साथ-साथ परिवर्तित होताजाता है )■ उसके द्वारा सहलाने की कौन सी गति प्रयुक्त की जाती है ( कई महिलाओं में यहअलग -अलग होती है)■ सहलाने के दौरान वह कितने दबाव का प्रयोग करती है.■ उत्तेजना के दौरान वह कहां से शुरुआत और खत्म करती है या लगातार जारी रखतीहै.■ अपनी योनि में किस समय वह अपनी उंगली या उंगलियां डुबोती है, और वह कैसेस्निग्धता बरकरार रखती है.■ इस दौरान अपने शरीर के किस हिस्से को उत्तेजित करती है या सहलाती है.■ जब वह उत्कर्ष के निकट होती है तो कौन से लक्षण होते हैं.यदि उपरोक्त में ज्यादातर चीजें आप जान जाएंगे तो आप उसे बेहतरीन उत्तेजना देने में सफल होंगे जो वह चाहती है. कई महिलाएं हस्त उत्तेजना के दौरान अपने स्तन, निप्पल और शरीर के अन्य अंगों को सहलाना और दबाना पसंद करती हैं. इस दौरान वे इस बात का खास ख्याल रखती हैं कि जब एक हाथ जब इधर व्यस्त है तो दूसरा हाथ उसके भग क्षेत्र या भगशिश्न पर हो. इस दौरान वे आनंदानुभूति की किसी चीज को खोना नहीं चाहतीं. इसलिये अपने पार्टनर से बेहिचक पूछें की किसमें उसे ज्यादा मजा आता है. यदि वह बताने में अक्षम हो तो उसके हर अंग को सहलाकर पूछें कि किस जगह उसे सर्वाधिक आनंद आ रहा है और किस जगह में नहीं.अगले कदम में आप अपनी उंगलियों से उसके योनिद्वार को फैलाएं(खींचे) . इस दौरान आपकी उंगलियां उसके स्त्राव से निकले द्रव या आपकी लार या थूक से पूर्ण स्निग्ध होनी चाहिये . इसके पश्चात ही आप एक उंगली अंदर डालें, फिर दो उंगलियां उसके योनिद्वार में प्रवेश कराएं. फिर उंगलियों को योनिद्वार के आसपास ही फिराएं. न कि शुरुआत में ही गहराई में प्रवेश कराएं. जब तक कि वह अच्छी तरह उत्तेजित न हो जाए तब तक वहां शांति पूर्ण तरीके से धीरे धीरे रगड़ें. फिर तब तक और उंगलियां डालते जाएं जब तक कि वह बस न कह दे. फिर पूरी हथेली धीरे-धीरे घुमाएं. अब वह स्वयं चाहने लगेगी की आप उंगलियों को गहराई में ले जाएं. वहां जाकर आप या रुक जाएं या क्रिया करते रहें जब तक कि वह आपसे लिंग डालने को न कहे. जब आपकी उंगलियां उसकी योनि के अंदर होंगी तो आप अनुभव करेंगे कि उसे एक कोमल आनंद का अनुभव हो रहा है.उसकी कामुक अवस्था के लिये गए फोटोग्राफ बाद के लंबे समय के सेक्स कार्य के उत्तेजक प्रस्ताव में सहायक होते हैं. लेकिन यह सब सिर्फ अपने पति के साथ करें तो बेहतर हैं किसी पुरुष मित्र के साथ यह करना कभी कभी खतरनाक भी हो सकता है.
मुस्कान के साथ गर्भद्वार
वे कैसा आनंद उठाती हैं जब उनके गर्भाशय से कुछ किया जाता है. यह उनके मासिक चक्र के अनुरूप बदलता रहता है. कई महिलाओं को इस दौरान ग्रीवा (cervical) की पीड़ा से गुजरना पड़ता है तो कई महिलाएं इससे काफी उत्तेजित महसूस करती हैं. यह हर आदमी के लिये मासिक के विभिन्न समय के दौरान अपने पार्टनर के परीक्षण का विषय है कि वह देखे की कौन सा समय उसके लिये अनुकूल है.
यह सावधानी हमेशा बरतनी चाहिये कि कोई भी ऐसा काम न करें जिससे उसके गर्भाशय के द्वार को कोई क्षति या चोट पहुंचे. उंगलियों के अंदर प्रवेश के दौरान हमेशा नाखून छोटे होने चाहिये. यदि आपकी उंगली में कोई चोट , घाव या संक्रमण (infection) है तो उंगलियों को कदापि योनि के अंदर नहीं ले जाना चाहिये.
साथ ही गुदा द्वार में प्रवेश कराई गई उंगलियों को भी योनि में नहीं डालना चाहिये क्योंकि इससे उसे संक्रमण के खतरे बढ़ जाते हैं.
जी-स्पॉट खोजना
अगली चीज जो आप अपने हाथों से कर सकते हैं वह है उसका जी-स्पॉट खोजना . शुरुआती दौर में यह काफी कठिन होता है लेकिन यदि धैर्य के साथ यह किया जाय तो आगे जाकर यह काफी आनंद देता है.
इसके लिये उसे पीठ के बल लिटा दें और उसके नितंब के नीचे तकिया लगा दें. उसके योनि की बाह्य दीवार से सटाते हुए अपनी दो उंगलियां अंदर डालें. योनिद्वार से गर्भाशय द्वार के बीच की दूरी के एक तिहाई हिस्से पर हस्त क्रिया के दौरान उसे काफी आनंद की अनुभूति होती है. इस जगह सहलाएं और उसकी प्रतिक्रिया (reaction) देखें. इस क्षेत्र के आस-पास दबाव के साथ स्ट्रोक और मसाज करते रहें और यह तब तक करते रहें जब तक कि वह बस न कह दे या उत्कर्ष की स्थिति में न आ जाए. साथ ही उससे यह पूछे की किस जगह पर उसे चरम उत्तेजना मिल रही है. गौर करेंगे कि जहां उसे चरम उत्तेजना मिल रही है वह स्थान योनि दीवार की अन्य जगहों को अपेक्षा थोड़ा कठोर होगा, यही उसका जी-स्पॉट होगा. लेकिन यह भी बता देना जरूरी है कि यह जरूरी नहीं है कि सभी महिलाओं को यह जगह आनंददायक लगे या चरम उत्तेजना प्रदान करे. इस लिये सलाह है कि हमेशा इस बात पर ध्यान दें कि वह क्या कहती है और उसकी क्या प्रतिक्रिया है.
मुंह का प्रयोग
ज्यादातर भारतीय इस क्रिया को पसंद नहीं करते . फिर भी आधुनिक पीढ़ी के कुछ युवा इस क्रिया को आजमाते है. उनके लिये -- इस दौरान संपूर्ण भग क्षेत्र को चूमा, चाटा और चूसा जा सकता है. भग क्षेत्र से चूमने की शुरुआत उसके भगशिश्न से करें. और जैसे-जैसे उत्तेजना बढ़ती जाती है क्रमशः अंदर जाते जाएं. यह पता करें कि उसके किस क्षेत्र में किस तरीके से मुख द्वारा किए गए खिलवाड़ में ज्यादा मजा और उत्तेजना आती है.
बाह्य भगोष्ट( outer lips) चूसा और चाटा जा सकता है. योनिद्वार चूमा और चाटा जा सकता है. भगशिश्न चूमा और चाटा जा सकता है, लेकिन कभी काटने का प्रयास भी न करें. आप चाहें तो योनिद्वार को चारों ओर जीभ द्वारा खिलवाड़ कर सकते हैं वह भी वास्तविकता में बगैर अंदर किये. लेकिन इस क्रिया से सबसे महत्वपू्र्ण है कि इस दौरान पूरा भग क्षेत्र अच्छे से साफ होना चाहिये. यौन क्रिया के पूर्व जननांगों को अच्छे से धो लेना चाहिये.इसके अलावा भी लिंग की सहायता से कई आनंददायी तरीके हैं जो कुछ समय के लिये संभोग को रोक सकते हैं.
■ शुरुआत करे, उसकी योनि को ध्यान न देते हुए अपने लिंग का प्रयोग उसके शरीरमें रगड़ने में करें ताकि उसका शांत शरीर तरसने लगे . उसे स्तनों पर रगड़े, निप्पलके चारों ओर फिराएं, फिर धीरे-धीरे रगड़ते हुए नाभि की ओर बढ़े जब तक कि आप उसकेगुप्तांग तक न पहुंच जाएं.■ अब आप उसकी जांघों के बीच अपना लिंग रगड़ें, फिर उसके भग क्षेत्र में रगड़े,फिर उसके भगशिश्न पर रगड़ें और अंत में योनि द्वार में रगड़ें.■ अब अपना लिंग कुछ सेंटीमीटर ही अंदर डालें फिर इसे किनारे किनारे ही थोड़ाबढ़ाएं . फिर इसे धीरे - धीरे अंदर बाहर करें. और तब तक गहराई में प्रवेश न करें जबतक कि वह आपको जोर देकर अंदर डालने को न कहे.
इसके अलावा भी कई तरीके हैं. और कई तरीके आपके द्वारा मजाकिया तौर पर प्रयुक्त भी किये जा सकते हैं. हर युगल लगभग तौर पर यह जानता है कि क्या उसके लिये आनंददायी है और क्या नहीं. पर चिकित्सकीय अनुभव बताता है कि कई लोग उत्तेजना के तरीके ढूढ़ते हैं, लेकिन यह आप पर निर्भर करता है कि आप स्वयं परीक्षण करके निश्चित करें कि क्या आपके लिए बेहतर रहेगा साथ ही यह खोजें कि किसमें आपको ज्यादा आनंद मिलेगा. कई बार व्यक्ति विशेष पर यहां बताई गई बातें लागू नहीं होती, क्योंकि उत्तेजना के लिये कई कारक जिम्मेदार होते हैं जिनमें समय, स्थान , शारीरिक संरचना और पार्टनर की रुचि आदि शामिल है.
आप अपने पार्टनर को कई अन्य तरीकों से उत्तेजित कर सकते हैं . जिनमें आप उसके पेट पीठ को रगड़ते हुए नीचे आएं, उसे उत्तेजित करने उसके निचले हिस्से और भग को रगड़ सकते हैं, अपना पांव उसकी जांघों के बीच रखकर उसके भग क्षेत्र को रगड़कर भी उत्तेजित कर सकते हैं. आप उसे अपनी जांघों के उपर बैठा कर घुड़सवारी का मजा दिलाते हुए उसके निचले क्षेत्र और भग को अपने शरीर की सहायता से उत्तेजित कर सकते हैं. एसे ही कई कभी खत्म न होने वाले तरीके हैं बस आप स्वयं प्रयोग करके खोजने का प्रयास करें. इससे आपको ज्यादा आनंद आएगा.

गर्मागर्म चर्चा का कारण हमेशा से और लगातार बना रहा है. यह क्या है ? यह किस जगह स्थित होता है ? क्या यह वास्तव में है ? और लड़कियां इस कथारूपी, दिमाग को हिला देने वाली जी-स्पॉट उत्तेजना का अनुभव पाने के लिए क्या करती हैं और उनके अनुभव क्या हैं ?इन सबके बारे में हम आपको यहां विस्तार से बता रहे हैं.भग शिश्न (clitoris) को महिलाओं में सेक्सुअल संतुष्टि के मुख्य आधार के तौर पर जाना जाता है. रिसर्च बताते हैं कि यह उत्तेजना पूर्ण उत्तकों की सेम के आकार की पट्टी (patch) होती है जो योनि के सामने की दीवार के ऊपर पाई जाती है. यह उत्तेजना के दौरान चरम आवेग पैदा करती है. यह क्षेत्र कहलाता है. इसकी खोज 1940 मे प्रसिध्द जर्मन स्त्री रोग विशेषज्ञ अर्नस्ट ग्रेफेनवर्ग ने की थी और उसने बताया था कि प्यूबिक बोन के सीधे 2.5 से 4 से.मी. पीछे यह क्षेत्र स्थित होता है. हालांकि यह विवादों से घिरा है, क्योंकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह क्षेत्र होता है तो कुछ विशेषज्ञों के अनुसार यह सभी महिलाओं में नहीं पाया जाता है. कुछ के अनुसार यह एक शारीरिक विलक्षणता ( विशेष लक्षण) है जो कुछ महिलाओं में होती है और कुछ में नहीं, वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इसका होना एक मिथक है.विवाद को एक ओर कर दिया जाय तो 35 फीसदी महिलाएं योनि उत्तेजना की रिपोर्ट देती हैं और उनमें से अधिकांश महिलाओं का कहना है कि वे जी-स्पॉट से उत्तेजित होती हैं. इसलिए जबर्दस्त सेक्सुअल आनंद में तेजी के लिये जी-स्पॉट को खोजें. यदि आप इसे पा गए तो यह बेहतर है, यदि नहीं तो यह आपके लिये एक मजाक है.यदि कोई महिला अपने कूल्हों (hips) को तकिये के सहारे ऊंचा करती है या उठाती है तो उसका पार्टनर अपनी उंगलियों के सहारे उसके जी-स्पॉट को खोज सकता है.अपना जी-स्पॉट खोजेंअपने शरीर के बारे में खुद जानने का प्रयास करें, क्योंकि कोई दूसरा आदमी आपके शरीर के बारे में आपसे बेहतर नहीं जान सकता. अब आप अपने कूल्हों के नीचे तकिया लगा कर लेट जाएं. अपनी उंगलियों में चिकना द्रव्य पदार्थ लगाकर उन्हें धीरे-धीरे अपनी योनि में डालें. इस दौरान यदि आप अपना एक हाथ अपने पेट के निचले हिस्से में रख कर धीरे-धीरे दबाएं तो आप और बेहतर तरीके से अनुभव कर सकते हैं. अब आप अपनी अंगुलियों को योनि के अंदर लगभग तीन इंच अंदर ले जाकर उपर की ओर हल्का मोड़िये और योनि दीवार को अंदर की ओर दबाते हुए अंगुलियों को बाहर की ओर लाएं. जैसे ही आपको उस क्षेत्र की अनुभूति होगी पहली बार आप कुछ अलग महसूस करेंगे. यदि स्पॉट पता नहीं चल पाता तो ठीक इसके विपरीत शुरुआत से अंगुलियों को दबाव देते हुए अंदर की ओर ले जाएं, जैसे ही आपको उस क्षेत्र की अनुभूति होगी पहली बार आप कुछ अलग महसूस करेंगे. यदि स्पॉट पता नहीं चल पाता तो ठीक इसके विपरीत शुरुआत से अंगुलियों को दबाव देते हुए अंदर की ओर ले जाएं दो तीन बार यही विपरीत क्रिया दोहराने पर जी-स्पॉट की अनुभूति हो जाएगी. इस दौरान आपको एक अजीब सी अनुभूति होगी क्योंकि अभी आप इस तरह की सनसनाहट के आदी नहीं होंगे. लेकिन इस दौरान आप यह मान कर न चलें कि आप इस स्पॉट को खोजते ही तुरंत उत्तेजना का अनुभव करने लगेगें. आप यह स्व-अन्वेषण सीधे लेट कर भी कर सकते हैं. या फिर पालथी मारने की तरह बैठ कर अपनी दोनों टांगे फैला कर भी जी-स्पॉट का पता लगा सकते हैं. इस स्पॉट का पता चलने पर कई बार लोगों को पेशाब जाने की भी अनुभूति हो सकती है.अपने पार्टनर को खोजने देंआप अपना जी-स्पॉट स्वयं खोज सकते हैं किन्तु अपने पार्टनर के साथ इसको खोजना ज्यादा आनंददायी होता है. यह आप दोनों के लिये चरम उत्तेजना का सबब बन सकता है. इसमें अन्तर बस इतना है इस बारप्रवेश पुऱुष की अंगुलियों का होगा. साथ ही आपको उसे पूर्ण सहयोग देना होगा. जब उसकी उंगलियां आपकी योनि के अंदर दबाव दे रहीं होगी तब हरपल होने वाली अनुभूति को बताना होगा. जब आपको स्पॉट की अनुभूति होने लगेगी तो तुरंत आप उसे बताएं. ऐसे में आप ज्यादा आनंद की अनुभूति करेंगे साथ ही वह भी आपको बेहतर संतुष्टि प्रदान कर सकेगा.आप उसे बताएं कि आपको कहां सबसे ज्यादा सनसनाहट महसूस होती है, और उसे उस स्थान को छुने दें. आप लेट जाएं . इस दौरान आप चाहें तो सीधे लेटें या फिर पेट के बल . कूल्हों के नीचे तकिया जरूर लगा लें. अपनी टांगों को खोलकर उसे अपनी अंगुलियां अंदर डालने को कहें . अब आप अपने सर्वाधिक सनसनाहट वाले क्षेत्र का अनुभव करें. आप अपने शरीर को पीड़ा के दौरान मोड़ कर आरामदायक स्थिति में लाते रहें, क्योंकि इस दौरान वह आपके शरीर के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की कोशिश कर रहा है. क्योंकि इससे मिलने वाला आनंद और उत्तेजना आप दोनों को संतुष्टि प्रदान करेगी. यदि आप एक बार अपना जी-स्पॉट खोजने में सफल रहती हैं तो आ उसे उसके लिंग की सहायता से विभिन्न सेक्स पोजीशनों के दौरान छूने का प्रयास करें.आदमी द्वारा पीछे से प्रवेश की पोजीशन सीधे महिला के जी-स्पॉट को पिन प्वाइंट करती है.जी-स्पॉट उत्तेजक पोजीशने■ ज्यादातर पीछे से प्रवेश (rear-entry) पोजीशने सही स्पॉट को हिट करती हैं क्योंकि इस दौरान लिंग योनि के सामने की दीवार के विपरीत दबाव देने में सक्षम होता है (penis is able to press against the front wall of vagina). इसलिए आप पेट के बल लेट कर आप उसे अपने ऊपर करके लिंग की सहायता से जी-स्पॉट की लोकेशन पता करने को कहें. इसमें महिला के उपर होने पर नियंत्रण उसके हाथ में रहने से वह भी सेक्स का काफी आनंद उठाती है.■ ऐसी ही एक दूसरी पोजीशन है कि आप बिस्तर के किनारे पर आधी पालथी की स्थिति मे झुक कर बैठे और उसे पीछे से अपनी योनि आपके लिंग में प्रवेश कराने को कहें.■ एक दूसरे की ओर चेहरा करके लेटे. अपना ऊपरी पांव उसके कूल्हे में फंसाएं और उसे (पुरुष को ) अपनी जांघों के सहारे अपनी ओर खींचे. अब उसका लिंग आप पर सरक सकता है. इस अवस्था में वह आपके जी-स्पॉट को उत्तेजित करने में सक्षम होगा साथ ही इस दौरान वह आपको चूम सकने में भी सक्षम होगा.आगे अभी सेक्स पोजीशन पर विस्तार से बताया जाएगा. यहां यह बता देना जरूरी है कि जी-स्पॉट को उत्तेजित करने के दौरान काफी मात्रा मे पानी निकलता है. इसे लेकर भयभीत न हो.यह चरम उत्तेजना के लक्षण हैं. साथ ही यह पानी स्खलित होने वाले वीर्य का हिस्सा नहीं होता न ही यह मूत्र होता है. इसलिये इस चरम आनंददायी सनसनाती उत्तेजना के एक पार्ट का मजा लीजिये.
क्या आप प्रयोग के लिये उत्सुक हैं? यदि आपका पार्टनर ‘बैक डोर गर्ल’ (back doors girl) के अनुभव को परखना चाहता है या फिर उसके अनुभव लेना पसंद करना चाहते हैं ... ऐसे में आप अपने पहले गुदा मैथुन (Anal sex) के अनुभव के लिये इस व्यावहारिक सलाह का प्रयोग कर सकते हैं. इससे दर्द रहित, उत्तेजक और कल्पना से परिपूर्ण तीव्रता की अनुभूति आपको हो सकती है.
आपके पार्टनर की बड़ी आंत का अंतिम हिस्सा जो गुदा में मिला होता है (rectum) यह अति संवेदनशील नसों से भरा होता है. जहां आप तीव्र उत्साह या आवेग प्राप्ति के लिए उंगली या लिंग डाल कर उत्तेजित कर सकते हैं. एनल सेक्स उच्च घर्षण के दौरान और साहसिक नजरिये से आपके लिए काफी तीव्र आवेग उत्पादित कर सकता है. विश्व के कई हिस्सों में यह सामान्य तरीके से लिया जाता है और कई बार गर्भ धारण से बचने के लिये विश्वसनीय आनंददायी तरीके के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन भारत में इसे अभी सामाजिक व क्रियात्मक मान्यता नहीं है. यह अलग बात है युवा पीढ़ी अब धीरे-धीरे इस ओर उन्मुख हो रही है.
इसके विपरीत एक आंकड़े के मुताबिक 27% यूनाइटेड किंगडम (इंग्लैंड) की महिलाएं गुदा मैथुन का आनंद लेना पसंद करती हैं. यहां यह जान लेना भी जरूरी है कि गुदा मैथुन के साथ कुछ खतरे भी जुड़े रहते हैं लेकिन उन्हें उचित सावधानियों द्वारा कम किया जा सकता है. उदाहरण के तौर पर कंडोम का इस्तेमाल करके.
पुरुष और महिला के बीच गुदा मैथुन द्वारा आनंद की प्राप्ति काफी सामान्य घटना है और इंग्लैंड में निःसंदेह तौर पर यह गैरकानूनी नहीं है जबकि यह दो वयस्कों के बीच सहमति से किया जाय . वहीं इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि भारत में अभी गुदा मैथुन को लेकर लोगों का नजरिया उतना खुला नहीं है और इसे निकृष्ट कृत्य की दृष्टि से देखा जाता है साथ ही इसे अभी सामाजिक और कानूनी मान्यता भी नहीं मिली है. फिर भी युवा पीढ़ी इसके मोह की ओर आकर्षित हो रही है. साथ ही इसका प्रचलन बढ़ता जा रहा है. अभी तक लोग इसे नवाबी शौक मात्र मानते थे लेकिन युवाओं का झुकाव अब इस ओर होने लगा है.
अब यदि आप इस रास्ते आनंद प्राप्त करने की सोच रहे हैं तो फोरप्ले के लिये अपने पूर्वज्ञान पर आधारित पीछे से प्रवेश के तरीके (rear entry position) को इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिये अपने पार्टनर को अपने सामने घुटनों के बल कीजिये जिससे उसकी गुदा (anus) पूर्णतः दिखने लगे. अब आप उसके दोनों नितंबों (buttocks) को हाथों द्वारा और फैलाएं ताकि गुदाद्वार और स्पष्ट दिखाई देने लगे. अब आप अपने पार्टनर को गुदा मैथुन के लिये तैयार करने और इसके लिये मूड बनाने के लिये उसे गुदा मैथुन को लेकर अपनी कल्पनाओं के बारे में बताएं. आप चाहें तो उसे यह बता सकते हैं कि उसका यह छिद्र आपको काफी अच्छा लग रहा है मानों आप उसे चूमना चाहते हैं. इस दौरान उसके छिद्र और आसपासके क्षेत्र को गीली अंगुलियों से सहलाते और थपथपाते जाएं. इसके साथ ही उसके भगशिश्न (clitoris) को दूसरे हाथ से उत्तेजित करना न भूलें, क्योंकि इस दौरान ज्यादातर महिलाओं को तीव्र आवेग (very aroused) और शिथिलता( relax) की आवश्यकता होती है. इसके विकल्प के तौर पर आप उसकी योनि में उंगली डालकर उसके जी-स्पॉट को खोजने की कोशिश कर सकते हैं.इसके लिये सबसे संवेदनशील तरीका है कि आप उसे बेहतरीन मुख मैथुन (oral sex) का आनंद दें साथ ही उसके गुदाद्वार और उसके आसपास तेज चुंबन दें. इसके विकल्प के तौर पर एक बेहतरीन नाटकीय परिणाम के लिये आप उसके भगशिश्न (clitoris) को चूसे जब कि आप कि पूर्णतः गीली अंगुलियां उसके गुदाद्वार को उत्तेजित कर रहीं हों.
आप दोनों के उत्तेजित हो जाने पर आप अपने पार्टनर को कहें कि वह अपने गुदाद्वार में अपनी उंगलियां डालने का प्रयास करे. एनल सेक्स शुरू करने से पहले ऐसा करने पर वह काफी आनंद (comfortable) का अनुभव करेगी, साथ ही आपको यह देखने का फायदा मिलेगा कि वह यह सब कैसे कर रही है जो आगे आपको उसकी पसंद का तरीका बता सकता है.
एनल सेक्स (गुदा मैथुन) के पूर्व वैजाइनल सेक्स (योनि संभोग) करना बेहतर माना जाता है क्योंकि प्रथमतः इससे वह पू्र्ण उत्तेजित हो जाती है वहीं दूसरी ओर आपके लिंग को भी पर्याप्त चिकनाहट मिल जाती है. ज्यादातर महिलाएं गुदा में तब उत्तेजना का आनंद महसूस करती हैं जब आपका लिंग उनकी योनि के अंदर होता है. वह तीव्र उत्तेजना का अनुभव तब करती है जब आप उसे प्यार से सहला रहे होते हैं और आपकी उंगलियां उसके गुदाद्वार पर हल्की थपथपाहट कर रही होती है. इस दौरान आप महसूस करेंगे कि उसके गुदाद्वार की नसें ढीली हो चुकी होती हैं. अब आप धीरे-धीरे अपनी एक उंगली उसके गुदाद्वार के अंदर डालें. आप पाएंगे इस दौरान उसे किसी प्रकार की पीड़ा का अनुभव नहीं हो रहा है.
अब यदि आप पाते हैं कि इस दौरान आपका पार्टनर खुश और संतुष्ट है तो आप इस क्रिया को जारी रख सकते हैं . अब वह समय आ गया है कि आप अपना लिंग उसके गुदाद्वार में धीरे-धीरे आराम से प्रवेश करा सकते हैं. लेकिन यहां यह ध्यान देना जरूरी है कि एनल सेक्स के लिए लिंग में चिकनाहट और गीलापन होना अत्यंत महत्वपूर्ण और जरूरी है. इसके लिये प्रवेश के पूर्व गुदाद्वार पर काफी मात्रा में चिकना द्रव्य छोड़े साथ ही अपने लिंग को भी पूर्ण स्निग्ध कर लें. ताकि आप दोनों एनल सेक्स का पूर्ण आनंद ले सकें. यहां यह ध्यान देने योग्य है कि एनल सेक्स के लिये फोरप्ले के दौरान आपकी उंगली उत्तेजना का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है.
सबसे आसान और सबसे सेक्सी पोजीशन लिंग को अंदर प्रवेश कराने के लिये उसका आपके सामने घुटनों के बल झुकना है. क्योंकि इससे आपको उसके छिद्र की उत्तेजना और स्थान स्पष्ट दिखाई देता है, और ज्यादातर महिलायें एनल सेक्स के लिये इस पोजीशन को ही पसंद करती हैं. फिर भी आप इसके अलावा भी कई तरीके अपना सकते हैं जो आप दोनों को पसंद हो. आप इसके लिये स्पून (spoons) पोजीशन में लेट जाएं. क्योंकि इससे आपकों आरामदायी प्रवेश प्राप्त होती है साथ ही यह बेहतर भी है क्योंकि आप इस पोजीशन में एक साथ उसके स्तनों, निप्पल और क्लिटोरी को सहला सकते हैं.
यह वह एनल सेक्स के लिये नई है तो इस पोजीशन मे जब वह ऊपर होगी तो लिंग को गुदा में प्रवेश को काफी अच्छे तरीके से कंट्रोल कर सकती है. इसलिए नई महिलाओं को यह पोजीशन काफी पसंद आती है. साथ ही पुरुषों को भी यह बेहतर लगता है क्योंकि इस दौरान वे अपने लिंग को प्रवेश करते हुए देख सकते हैं.
यहां पर महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि एनल सेक्स के दौरान हमेशा कंडोम का प्रयोग करें ताकि किसी भी संभावित खतरे से बचा जा सके, मसलन एचआईव्ही या कोई अन्य यौन संक्रामक रोग. साथ ही यह भी ध्यान रखे कि एनल सेक्स करने के बाद वैजाइनल सेक्स तब तक न करें जब तक कि आप अपने लिंग को धो न लें क्योंकि इससे गुदा से योनि में आसानी से वैक्टीरिया प्रवेश कर जाते हैं. यही तरीका उंगलियों में भी प्रयोग करें. जहां तक हो सके कोशिश करें कि एक हाथ गुदा के लिये प्रयुक्त हो तो दूसरा योनि के लिये. साथ ही सबसे महत्वपूर्ण है कि एनल सेक्स के लिए अपने पार्टनर की सहमति सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि बिना सहमति के सेक्स करने से उसके लिये यह काफी पीड़ादायक अनुभव होगा और भविष्य में वह इसके लिये तैयार नहीं होगी.

बेहतर सेक्स के लिये क्या आप जानते हैं कि महिला चाहती क्या है? बेडरूम में उसे उन्मत्त (जंगली ) की तरह चलाइए और इस शानदार ड्राइव का दोनों आनंद उठाइये. और यहां गलतियां माफ हैं. यहां आप अपनी सेक्स क्षमता का पूरा और सही प्रयोग करें. इसके साथ ही यह सुनिश्चित करें की जब भी वह आप के साथ सेक्स कर रही है तो वह तीव्र उत्साह (orgasm) और उत्तेजना में हो और वह आपमें आनंद ढूंढ़े. कुछ ऐसे तरीके हैं जिन्हें अपनाने के बाद नकली उत्तेजना की आवश्यकता नहीं पड़ती. यहां अपनी पत्नी या पार्टनर के बेहतर सेक्स का आनंद देने के कुछ तरीके बताए जा रहे हैं -कैसे बहकाएं पत्नी को :महिला को बहकाना हमेशा पुरुषों के लिए चुनौती होता है. किन्तु किसी अवसर पर जीवन साथी को बहकाने का अच्छा प्रतिफल मिलता है.शादी के कुछ सालों बाद कुछ जोड़े पाते हैं कि सेक्स और दृढ़ता अपनी वास्तविक चमक खोती जा रही है साथ ही दिन-ब-दिन सेक्स करना सिर्फ एक रुटी उद्देश्य रह जाता है. जो कि उनकी कल्पनाशीलता और उत्तेजना को कम करता जाता है.एक समय यह क्रिया विशेष रूप से तब महत्वपूर्ण हो जाती है जब महिला एक बच्चे को जन्म देती है. अक्सर बच्चे के जन्म के बाद महिला विशेषतः अनसेक्सी महसूस करती है. यह कठोर सोच उन्हे एक बड़े परिवर्तन के तहतउसे शारीरिक और मानसिक रूप से नीचे ले जाते हैं. बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं की यह सामान्य सोच बन जाती है कि वह पहले मां है बाद में प्रेमिका.एक आदमी इस परिस्थिति को समझते हुए तरीके से अपने पार्टनर को आकर्षक और सेक्सी बना सकता है. इसका सबसे बेहतर तरीका है कि पॉजिटिव प्रयासों से अपने पार्टनर को बहकाएं (उत्तेजित करें )ज्यादातर आदमी इस परिस्थितियों से उकता कर नए प्रेम प्रसंगों के प्रलोभन से जुड़ने का प्रयास करते हैं, जबकि यह उचित नहीं है. यदि आप अपने जीवन साथी को बहकाने जा रहे हैं या प्रयास कर रहें हैं तो यह आपको उन प्रलोभनों की वास्तविकता से बेहतर क्षण प्रदान करेगा. ऐसे में विशेषतः ज्यादातर महिलाएं रोमांस और पूर्वज्ञान से आनंदित होकर पुरुषों को पू्र्ण आनंद देती हैं.अच्छी तरह बढ़ कर तैयारी करें :अपने पूर्व ज्ञान को आधे मजाक का रूप दें. यह बहकावे के प्लान को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है. कुछ लोग बहकावे को लेकर उन क्षणों की तैयारी का आनंद उठाते हैं.यदि आपके कोई बच्चा है तो उसकी कोई उचित व्यवस्था पहले से कर दें ताकि बाद के अंतिम लम्हों में आपको किसी प्रकार की हिचक न हो. यह अरेंजमेंट हर उस स्थान में कर सकते हैं. जहां का आप इरादा रखते हैं. स्थान को लेकर संकोच नहीं करना चाहिये. यदि आप बाहर खाना सुनिश्चित करते हैं तो मैं यह विश्वास दिलाता हूं कि यह एक बेहतर अवसर है जहां आपकी पत्नी काफी इन्ज्वाय करेगी. ठीक ऐसी ही परिस्थितियां तब भी होंगीं जब आप अपरान्ह का फिल्म शो देखने का मन बनाते हैं.बहलाने का कोई भी मौका मिलता है तो उसे न छोड़ें. यही स्थिति ऐसी होगी जब आपकी पत्नी यह सहजता से सोचेगी कि आप उसे कितना चाहते हैं. कभी-कभी उसे उपहार भी दें . जैसे उसकी बगैर जानकारी के उसके लिये उसका पसंदीदा परफ्यूम लाकर दें या फिर कोई सेक्सी सा अण्डरवियर उसे गिफ्ट करें. ऐसे में जब भी वह इनका प्रयोग करेगी आपको याद करे रोमांचित होगी.दिन का समय :शाम के बेहतर बहकावे के लिये अपरान्ह में दोनों के बीच कोई गैर सेक्सुअल हरकत अच्छे वार्म- अप का काम करती है. कोई रोमांटिक फिल्म देखने जाएं या फिर मौका मिलने पर पैदल साथ-साथ बाजार घूमने निकल जाएं. इस तरह के कई अवसर उन्हें बहलाने के बेहतर साधन हो सकते हैं. इससे वे एक ओर तो पारिवारिक दबाव से मुक्त होगी साथ ही उसे एक नएपन का भी एहसास होगा.सुहानी शाम और डिनरःशाम की शुरुआत कैंडल लाइट डिनर से की जा सकती है. जो कि या तो किसी मनपसंद रेस्टोरेंट में हो सकता है या फिर घर में ही इसकी तैयारी की जा सकती है, वह भी बगैर घर की किचन में बगैर समय गवांए. भोजन करने के दौरान न तो ज्यादा खाएं न ही ज्यादा पियें और न ही एक दूसरे को ज्यादा के लिये प्रेरित करें.साथ ही इस बात का ख्याल रखना चाहिये कि क्या खा रहे हैं. निश्चित मात्रा का भोजन खाने में काफी सेक्सी होता है, और आदमी इसे और बेहतर बना सकता है. इस दौरान अपनी पत्नी को अपनी डिश चखाएं और उसकी डिश का भी आनंद ले. यह सब बिना झिझक और औपचारिकता के करें. बस यहीं से बहकाने का सेक्सुअल पार्ट शुरू होता है, लेकिन यह कार्य अब भी आधा किया जा चुका है.आपस में छेड़छाड़ करें:आसी छेड़छाड़ दो प्रेमियों के बीच का महत्वपूर्ण फोरप्ले(fore play) होती है. इस दौरान धीमी लाइट जलाकर कोई पसंदीदा संगीत चालू कर लें. छेड़छाड़ के बीच-बीच में एक दूसरे को किस करने का मौका न गंवाएं साथ ही एक दूसरे से चिपक कर लेटे.इस दौरान पूरी सौम्यता बरते न कि सीधे सहवास के लिए उन्मुख हो जाएं.उसके कपड़े उतारें:छेड़छाड़ के दौरान धीरे-धीरे उसके कपड़े उतारें और उसके सुंदर शरीर की तारीफ करने से न चूके. उसे यह बताएं की उसकी वजह से आप किस तरह ऑन होते हैं. यही वह प्वांइट होगा जब आप दोनों को एक दूसरे की गर्मी और उत्तेजना का अहसास होना शुरू हो जाएगा. अब जबकि उसके बदन में नाम मात्र के कपड़े बचे हों तो उसे भी इस क्रिया में सहभागी बनने को कहें. यह उसके लिये भी एक वास्तविक टर्न ऑन होगा, ठीक उसी तरह जैसे की आपका.जब वह पूरी तरह कपड़े उतार चुकी हो तब वगैर वक्त गंवाए उसके शारीरिक सौंदर्य का महिमामंडन कर लें, साथ ही सेक्सी कमेंट पास करें. इस दौरान के सेक्सी कमेंट उसे शारीरिक रूप के अलावा मानसिक रूप से भी उत्तेजित करते हैं.रतिक्रिया( foreplay)यदि अभी तक सब कुछ ठीक रहा है तो यह स्टेज आपके कुछ हटकर आनंद देने वाली है.इसके लिये आप उसे अपनी टांगे फैला कर लेटने को कहें और धीरे-धीरे उसके शरीर को नख से सिर तक दुलारें. जगह-जगह दबाएं यदि उसे पसंद हो. उसके स्तनों को खरोंचते हुए दबाएं ताकि उसे एक मीठे दर्द का अहसास हो साथ ही इस दौरान स्तन के निप्पल को भी खींचे. बीत-बीच में इन सभी अंगों को मसलें. अब आप देखेंगे की उसकी उत्तेजना कैसे उसके चेहरे पर झलकने लगी है, जिसकी गवाही उसका शरीर भी देने लगेगा.अब उसके भग और भगशिश्न को सहलाएं. आप पाएंगे कि वह तीव्र उत्तेजित (highly aroused) हो गई है. इस दौरान आप हर उस हरकत को बढ़ावा दे जिसपर आप पाएं कि ऐसा करने पर उसे आनंद की अनुभूति हो रही है और वह उत्तेजना के शिखर की ओर बढ़ रही है. अब जबकि वह तीव्र उत्तेजित हो गई है और अच्छी तरह स्निग्ध हो चुकी है तब आप उसकी योनि में पहले एक अंगुली डाले फिर दो ... फिर आप वह करें जो उसे पसंद हो...सेक्स का उपयुक्त समय:अब जबकि वह तीव्र उत्तेजित हो चुकी होगी और वह आप से एकाकार होने की इच्छा रखने लगी है. अब यह अहठधर्मी सेक्स पोजीशन के साथ सहवास करने का उचित समय है, जो कि उसके लिये नई सनसनाहट पैदा करेगा. इस दौरान बीच-बीच में आप सेक्स पोजीशन में बदलाव ला सकते हैं . अब यदि इस दौरान वह एक उत्तेजना के चरम शिखर पर पहुंच कर संतुष्ट हो जाएगी. यदि आप एक और दौर चाहते हैं तो उसकी पसंद के अनुरूप आप दूसरा दौर भी चला सकते हैं.वहीं यदि आपकी पार्टनर जल्दी ही बच्चे की मां बनने वाली है तो सेक्स का तरीका थोड़ा बदलना होगा. इस दौरान गहराई वाले तथा झटकेदार सेक्स से बचें . इसके लिए अपने पार्टनर को चरम उत्तेजित करें फिर उसकी योनि पर अपने शिश्न के अग्रभाग को प्रवेश कराकर बगैर गहराई में गए ही सेक्स करें. इसके अलावा अपने चिकित्सक से भी सलाह लें.बेहतर सेक्स पोजीशन:सेक्स करने के शुरुआती दौर में सबसे पहले वह सेक्स पोजीशन चयन करनी चाहिए जो शुरुआती दौर में कम गहराई वाली हो और बाद में गहरे में प्रवेश करता हो. लेकिन याद रखने वाली बात यह है कि दूरदर्शी युगल इन क्षणों की उत्तेजना के तरीके स्वयं खोज लेते हैं और यह आनंददायी स्थितियां जो वे अपने अनुरूप पाते हैं उसे प्रयुक्त करते हैं. यह तरीका किसी भी विशेषज्ञ के बताए तरीके से बेहतर होता है. कुल मिलाकर पोजीशन वह होनी चाहिए जिसमें दोनों को बराबर की आनंदानुभूति हो .सेक्स पोजीशन को लेकर यद्यपि कई अवरोध हैं फिर भी इसे अपनी सुविधानुसार इसका प्रयोग करना चाहिये. सहवास के दौरान पुरुष का ऊपर होना आधार पोजीशन होती है. फिर भी कई बार इसमें प्रवेश गहराई तक नहीं हो पाता है.इसके लिए बेहतर विकल्प है कि उसके नितम्ब (buttocks) के नीचे कुछ रखें इसके लिए सबसे बेहतर है कि तकिये का प्रयोग किया जाये. इस तरीके में वह अपने नितंब का एंगल बना सकती है. इसलिये जब आप प्रवेश (penetration) करेंगे तो वह प्रवेश के कोण (angle) को नियंत्रित कर सकने में सक्षम होती है. ऐसे में वह सहवास के दौरान आघात पहुंचाने वाले क्षेत्र पर भी नियंत्रण पा सकती है. कुछ मामलों में महिलाएं सहवास के लिए खुद को उपर रखना पसंद करती है. क्योंकि इस स्थिति में वह प्रवेश को और बेहतर तरीके से नियंत्रित कर सकती हैं....और बाद में:अब जब आप रतिक्रिया पूर्ण कर चुके हैं, अब आप पत्नी पर छोड़ दे कि शाम की शुरुआत का सबसे सुखद अंत क्या होगा. अब वह आपकी बांहों के घेरे में सोना चाहेगी या फिर वह आपसे कुछ चीजों के बारे में बात करना चाहेगी, जो आप दोनों के लिए प्यार भरी और संदेश देने वाली होगी. इस दौरान आप उसे बताएं कि आप उसे कितना प्यार करते हैं और आपको उसकी कितनी आवश्यकता है. इसके अलावा उससे चर्चा करें कि जब आप दोनों साथ में थे तो सबसे ज्यादा आनंददायी क्षण कौन से रहे. फिर आप दिनभर के साथ की चर्चा कर उसमें नई अनुभूति की जान छिड़क सकते हैं. इस सबके दौरान उसके जवाबों पर ध्यान देकर आप अपना नया अनुभव तैयार करें, ताकि अगली बार आप और बेहतर कर सकें.

8 comments:

sunnychoco said...

i agree..my gf enjoys oral sex..she gets high with touch n kiss

kamlesh.wortal@gmail.com said...

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Dr Hashmi said...

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queyshawagoner said...

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